नदी भू -सतह पर एक जलधारा है,जिसका स्त्रोत हिमनद ,वर्षा ,झील आदि हैं । नदियाँ किसी भी देश के कृषि,उद्योग विकाश में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं। नदी जीवन का आधार हैं । नदियों का इतिहास प्राचीन है । हड़प्पा सभ्यता ,वैदिक काल में नदियों का उल्लेख मिलता है।
भारत की सबसे लंबी नदियां
क्र. | नदी | लम्बाई ( km ) |
1 | गंगा* | 2525 |
2 | गोदावरी | 1465 |
3 | कृष्णा | 1400 |
4 | यमुना | 1376 |
5 | नर्मदा | 1312 |
6 | घाघरा | 1080 |
7 | सतलज * | 1050 |
8 | महानदी | 857 |
9 | कावेरी | 805 |
10 | सोन | 784 |
11 | कोसी | 730 |
भारत का अपवाह तंत्र
भारत का अपवाह तंत्र तीन भागों में विभाजित है –
1.हिमालयन अपवाह तंत्र
- सिंधु नदी तंत्र
- गंगा नदी तंत्र
- ब्रह्मपुत्र नदी तंत्र
2.प्रायद्वीपीय अपवाह तंत्र
- नर्मदा नदी तंत्र
- कावेरी नदी तंत्र
- ताप्ती नदी तंत्र
- कृष्णा नदी तंत्र
- महानदी नदी तंत्र
- गोदावरी नदी तंत्र
- स्वर्णरेखा नदी तंत्र आदि
3.आंतरिक अपवाह तंत्र
हिमालयन अपवाह तंत्र
1.सिंधु नदी तंत्र (Sindhu river orIndus river)
सिंधु नदी का उद्गम तिब्बत के पठार पर मानसरोवर झील के निकट से हुआ है। इसकी कुल लंबाई 2880 किलोमीटर है ,जबकि भारत में लंबाई 709 किलोमीटर है l सिंधु नदी हिमालय से निकलती हुई अरब सागर में कराची के निकट मुहाना बनाती है। सिंधु नदी की सहायक नदियाँ झेलम,चिनाव,रावी,व्यास,सतलज हैं।
झेलम
- इसका उद्गम जम्मू कश्मीर के बेरीनाग धरने से हुआ है l
- इसकी लंबाई 724 किलोमीटर है ।
चिनाव
- इसका उद्गम बारालाचा ला दर्रा हिमाचल प्रदेश से हुआ है l
- इसकी लंबाई 1180 किलोमीटर है।
रावी नदी
- इसका उदगम हिमाचल प्रदेश में रोहतांग दर्रे के निकट से हुआ है।
- इसकी लंबाई 725 किलोमीटर है।
व्यास नदी
- इसका भी उदगम हिमाचल प्रदेश में रोहतांग दर्दे के निकट व्यास कुण्ड से हुआ है।
- इसकी लंबाई 460 किलोमीटर है ।
सतलुज नदी
- मानसरोवर झील के निकट राकस झील से सतलज निकली है ।
- इसकी लंबाई 1450 किलोमीटर है तथा भारत में इसकी लंबाई 1050 किलोमीटर है।
2.गंगा नदी तंत्र(Ganga River)
गंगा नदी भारत की सबसे बड़ी नदी है इसका अपवाह क्षेत्र देश के कुल क्षेत्रफल लगभग 1/4 है । गंगा नदी भारत की पवित्र नदी है। इसे माता के नाम से पूजा जाता है । गंगा नदी भागीरथी नदी के नाम से उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले में गंगोत्री ग्लेशियर के गौमुख से निकलती है। देवप्रयाग के निकट अलकनंदा नदी से भागीरथी नदी मिलती है देवप्रयाग के आगे दोनों नदियां गंगा नदी के नाम से प्रभावित होती हैं । गंगा नदी की लंबाई 2525 किलोमीटर है। गंगा नदी उत्तराखंड में हरिद्वार के निकट हिमालय को छोड़कर मैदानी भाग में प्रवेश करती है ।यूपी, बिहार ,पश्चिम बंगाल होते हुए बांग्लादेश में प्रवेश कर जाती है। बांग्लादेश में गंगा को पदमा कहा जाता है। बांग्लादेश में ब्रह्मपुत्र नदी गंगा नदी में मिलती है और दोनों नदियाँ बंगाल की खाड़ी में विश्व के सबसे बड़ा डेल्टा बनाती हैं जिससे सुंदरबन डेल्टा कहते है।
गंगा की सहायक नदी यमुना, रामगंगा, गोमती, घाघरा, गंडक, कोसी, महानदी ,दामोदर, सोन हैं।
यमुना नदी
- यमुना नदी गंगा की सबसे प्रमुख सहायक नदी है ।
- यमुना नदी का उद्गम उत्तराखंड के गढ़वाल जिले में बंदरपूछ चोटी के यमुनोत्री ग्लेशियर से हुआ है।
- इसकी कुल लंबाई 1376 किलोमीटर है। इसका संगम प्रयागराज के निकट है।
- इसकी सहायक नदियों में ऋषि गंगा ,हनुमान गंगा, उमा, हिंडन जो हिमालय से निकलती है तथा चंबल, बेतवा ,केन जो प्रायद्वीपीय पठार से निकलती है तथा दक्षिण से उत्तर की ओर प्रभावित होती हैंl गाजियाबाद हिंडन नदी के तट पर अवस्थित है।
चंबल नदी
- चंबल नदी का उद्गम विद्यांचल श्रेणी के जानापायो हिल के महू नामक स्थान से है।
- इसकी लंबाई 1050 किलोमीटर है इसका संगम उत्तर प्रदेश में इटावा के निकट यमुना नदी चंबल है ।
- सहायक नदी कालीसिंध,बनास ,क्षिप्रा , खारी आदि नदियाँ है ।
रामगंगा नदी
- इसका उद्गम उत्तराखंड के गढ़वाल जिले में हैl
- इसकी लंबाई 596 किलोमीटर है रामगंगा नदी का संगम यूपी के कन्नौज के निकट है।
- सहायक नदी कोह ,एरिल,कोसी ,गोरा हैं ।
गोमती नदी
- गोमती नदी का स्त्रोत उत्तरप्रदेश के पीलीभीत जिला की फुल्लर झील है । यह गंगा की एकमात्र प्रमुख सहायक नदी है जिसका उद्गम हिमालय में नहीं तराई में है।
- इसकी लंबाई 900 किलोमीटर है। यूपी के गाजीपुर जिले के निकट इसका संगम है ।
- इसकी सहायक नदियों में आन्द्रा चोहा,सुकेता हैं ।
- गोमती नदी के तट पर लखनऊ स्थित है।
घाघरा नदी
- इसका उद्गम ट्रांस हिमालय में है। यह लद्दाख श्रेणी के गुरला मंधाता चोटी के निकट से निकलती है जिसकी लंबाई 1080 किलोमीटरहै । बिहार में छपरा के निकट इस का संगम है ।
- इसकी सहायक नदी शारदा,सरजू,राप्ती आदि ।
गंडक नदी
- गंडक नदी का उद्गम नेपाल तिब्बत सीमा।
- लंबाई 425 किलोमीटर भारत में ।
- संगम विहार में पटना के निकट हाजीपुर।
- सहायक नदी -बाड़ी ,त्रिशूली, काली गंडक।
कोसी नदी
- कोसी नदी को बिहार का शोक भी कहते हैं क्योंकि यह नदी अपना मार्ग बदलती रहती है जिससे इसमें भयंकर बाढ़ आती है। इसकी तीन प्रमुख शाखाएं सनकोशी ,अरुण कोसी ,तुमार कोसी संयुक्त रूप से कोसी नदी के नाम से प्रभावित होती हैं।
- इसका उदगम सिक्किम-नेपाल-तिब्बत सीमा है ।
- इसकी लंबाई 730 किलोमीटर है ।
सोन नदी
- सोन नदी का उद्गम मध्यप्रदेश में अमरकंटक के निकट से है ।
- इसकी लंबाई 784 किलोमीटर है।
- संगम विहार में पटना के निकट दानापुर।
- इसकी सहायक नदी जोहिला ,रिहंद आदि है ।
दामोदर नदी
- इसका उद्गम झारखंड के लातेहार जिले में चंदावा के निकट है दामोदर हुगली की सहायक नदी है बंगाल में इस नदी द्वारा काफी बाढ़ आती है इसलिए से बंगाल का शोक कहते हैं ।
- इसकी लंबाई 592 किलोमीटर है। नदी का संगम पश्चिम बंगाल के हावड़ा जिले मेंहै ।
- सहायक नदियों में बाराकर ,कोनार ,बोकारो जमुनिया है ।
3. ब्रह्मपुत्र नदी तंत्र(Brahmaputra River)
ब्रह्मपुत्र का शाब्दिक अर्थ है ब्रह्म का पुत्र । ब्रह्मपुत्र नदी का उद्गम तिब्बत के पठार पर मानसरोवर झील के निकट से हुआ है। यह नदी तिब्बत के पठार पर पूर्व दिशा में प्रवाहित होती है नामचा बरवा निकट यू आकार का मोड बनाते हुए भारत में प्रवेश करती है । भारत में यह नदी पश्चिम की ओर प्रवाहित होती है। असम में धुबरी के निकट 90 डिग्री कोण बनाते हुए बांग्लादेश में प्रवेश करती है तथा गंगा नदी में मिलते हुये विश्व का सबसे बड़ा डेल्टा बनाती है ,जिसे सुन्दरवन डेल्टा के नाम से जाना जाता है। इसे कई नामों से जाना जाता है ,जैसे सांगयों (तिब्बत),यारलंग (चीन ),जमुना (बांग्लादेश ) आदि । इसकी कुल लंबाई 2900 किलोमीटर है ।
सहायक नदी -तिस्ता ,मानस ,लोहित ,कपिली ,संकोश ,धारला ,दिहंग आदि । संकोश नदी असम व प. बंगाल के मध्य सीमा बनाती है |
प्रायद्वीपीय अपवाह तंत्र
स्वर्णरेखा नदी
- इस नदी का उद्गम झारखंड में रांची के निकट है। यह नदी झारखंड ,बंगाल में बहते उड़ीसा में बंगाल की घाटी में गिरती है।
- इसकी लंबाई 395 किलोमीटर हैl
- इसकी सहायक नदी दुलांग, कांची, खरकाई, करकारी ,रारु आदि हैं ।
- जमशेदपुर नगर इस नदी के तट पर है।
महानदी
- महानदी शाब्दिक अर्थ बड़ी नदी है । उद्गम छत्तीसगढ़ के धमतरी जिले में सिहावा नामक स्थान से है।
- इसकी लंबाई 857 किलोमीटर है। मुहाना उड़ीसा बंगाल की खाड़ी में है । यह नदी अपने मुहाने पर चपाकार डेल्टा का निर्माण करती है ।
- इसकी सहायक नदियाँ इब ,मांड ,शिवनाथ ,हसदो,जोंक ,तेल आदि है ।
गोदावरी नदी
- गोदावरी दक्षिण भारत की सबसे बड़ी और लंबी नदी है ,इसे दक्षिण गंगा तथा वह बूढ़ी गंगा या वृद्ध गंगा भी कहते हैं । गोदावरी नदी का महाराष्ट्र के नासिक जिले में पश्चिमी घाट के त्रयंबक पठार से निकलती है ।
- इसकी लंबाई 1465 किलोमीटर है।
- इसका मुहाना बंगाल की खाड़ी आंध्र प्रदेश है ।
- सहायक नदी:- बैनगंगा , पैनगंगा ,मांजरा ,इंद्रावती, वर्धा , शबरी, प्राणहिता है
- डंकिनी और शंखिनी इंद्रावती की छोटी सहायक नदियां हैं। डंकिनी और शंखिनी के संगम पर छत्तीसगढ़ का दंतेवाड़ा नगर अवस्थित है।
कृष्णा नदी
- कृष्णा नदी भारत की दूसरी सबसे बड़ीव लंबी नदी है । इसका उद्गम महाराष्ट्र में पश्चिमी घाट के महाबलेश्वर से है ।
- इसकी लंबाई 1400 किलोमीटर है।
- इसका मुहाना बंगाल की खाड़ी आंध्रप्रदेश है तथा चपाकार डेल्टा का निर्माण करती है ।
- कृष्णा नदी की सहायक नदियां मालप्रभा, घाटप्रभा, भीमा ,कोयना, दूधगंगा आदि हैं।
- मुसी नदी के तट पर है हैदराबाद नगर अवस्थित है ।
कावेरी नदी
- कावेरी नदी का दक्षिण भारत में प्राय: वही स्थान है जो उत्तर भारत में गंगा नदी का है इसलिए इसे दक्षिण भारत की गंगा कहते हैं।
- कावेरी नदी का उद्गम कर्नाटक राज्य में पश्चिमी घाट की ब्रह्मगिरि पहाड़ी के कुर्ग नामक स्थान से है। कावेरी नदी अपने मार्ग में तीन स्थानों पर दो धाराओं में बढ़ते हुए आगे जाकर मिल जाती है इस प्रकार यह नदी मार्ग में तीन छोटे-छोटे द्वीप का निर्माण करती है,ये द्वीप शिवसमुद्रम , श्रीरंगपट्टनम ,श्रीरंगम है l
- इसकी लंबाई 805 किलोमीटर है यह मुहाना बंगाल की खाड़ी तमिलनाडु में बनाती है इसका डेल्टा चतुर्भुज आकार का है l
- कावेरी नदी की सहायक नदियों में हेमवती, लोकपावनी,हेरांगई , लक्ष्मणतीर्थ,भवानी ,समसा ,अमरावती आदि हैं।
नर्मदा नदी
- यह पश्चिम की ओर प्रवाहित होने वाली अथवा अरब सागर में गिरने वाली सबसे लंबी प्रायद्वीपीय नदी है।
- नर्मदा नदी भ्रंश घाटी में प्रवाहित होती है और इसकी लंबाई 1312 किलोमीटर है।
- नर्मदा नदी का मुहाना खंभात की खाड़ी अरब सागर गुजरात के निकट है। नर्मदा नदी मुहाने पर ज्वारनदमुख का निर्माण करती है l
- इस की सहायक नदियां तवा, कुंडी,कोलार ,सार और हिरन आदि प्रमुख नदियां हैं।
ताप्ती /ताप्ती
- ताप्ती नदी रिफ्ट घाटी या भ्रंश घाटी में प्रवाहित होती हैं ।
- ताप्ती नदी का उद्गम मध्य प्रदेश के बैतूल जिले का मुलताई नामक स्थान है।
- इसकी लंबाई 730 किलोमीटर है।
- ताप्ती नदी का मुहाना खंभात की खाड़ी अरब सागर गुजरात है। इसके मुहाने पर ज्वारनदमुख का निर्माण होता है ।
- सूरत नगर तापी नदी के मुहाने के निकट स्थित है।
- ताप्ती नदी की सहायक नदियां बैतूल,पत्की ,गंजाल,अमरावती आदि हैं ।
3. आंतरिक अपवाह तंत्र
जल की कमी के कारण नदियाँ जब स्थलखण्ड में ही समाप्त हो जाती हो तो उसे आंतरिक अपवाह तंत्र कहते हैं। भारत में पश्चिमी राजस्थान व लद्दाख क्षेत्र में आंतरिक अपवाह तंत्र का विकास हुआ है राजस्थान में प्रवाहित होने वाली घग्गर नदी इसका अच्छा उदाहरण है । लूनी नदी अरावली श्रेणी के पश्चिमी ढालों से निकलकर गुजरात में कच्छ के रणक्षेत्र में समाप्त हो जाती है।